राम कथा का सार
इस अध्याय में श्रीराम की कथा का संक्षिप्त सार प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उनके जीवन के प्रमुख घटनाक्रम, धर्म, और आदर्शों का वर्णन है।
श्लोक 1
संस्कृत:
राम नाम सुमिरन हृदय सुखदायक। जीवन सागर तरण है भक्ति अनमोल॥
भावार्थ:
राम नाम में जीवन की कठिनाइयों को पार करने की शक्ति है।
श्लोक 2
संस्कृत:
धर्मपालक राम दीनदयालु। संकट हरन परित्राता जगत के॥
भावार्थ:
राम धर्म और दया के स्वरूप हैं, जो सबकी रक्षा करते हैं।
श्लोक 3
संस्कृत:
सीता संगत नर तत्त्व की छवि। मर्यादा पुरुषोत्तम जग प्रसिद्ध॥
भावार्थ:
राम और सीता का जीवन आदर्श चरित्र और मर्यादा का उदाहरण है।
श्लोक 4
संस्कृत:
अरण्यवास तप सहन करहिं। प्रेम निष्ठा से भरत सहाय॥
भावार्थ:
धैर्य और प्रेम से कठिनाइयों को पार करने की प्रेरणा।
श्लोक 5
संस्कृत:
रावण वध धर्म विजय हुआ। अधर्म का नाश, सत्य का उदय॥
भावार्थ:
राम कथा में सत्य की जीत और अधर्म का अंत दर्शाया गया है।
श्लोक 6
संस्कृत:
रामचरित महान कथा अमर। सब धर्मों का सार सदा प्रकाश॥
भावार्थ:
राम कथा धर्म और नैतिकता की अंतिम शिक्षाओं का स्रोत है।